काठमांडू।। नेपाल के पहले उपराष्ट्रपति परमानंद झा द्वारा हिंदी में शपथ लेने के बाद उठे विवाद और नेपाली
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हिंदी में ली गई शपथ को अवैध करार देने और फिर से नेपाली में शपथ लेने के आदेश के बीच झा ने शुक्रवार को कहा कि वह नेपाली नहीं जानते।
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश 65 वर्षीय परमानंद झा ने कहा कि नेपाल का संविधान कहां कहता है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनने के लिए आपको नेपाली भाषा आनी चाहिए।
झा ने पिछले साल उपराष्ट्रपति पद के लिए हिंदी में शपथ ली थी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उनके शपथ ग्रहण को अवैध करार दे दिया कि हिंदी में शपथ लेना असंवैधानिक और विधि प्रावधानों के खिलाफ है।
झा ने कहा कि मैं नेपाली नहीं बोलता। मैं नेपाली
में नहीं लिख सकता। मैं मैथिली, अवधी और भोजपुरी में बोलता हूं। अगर मुझे दोबारा शपथ लेने के लिए बाध्य किया गया तो मैं अंग्रेजी में शपथ लूंगा।
झा ने कहा कि राष्ट्रपति की गौरमौजूदगी में उपराष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सरकार के साथ ही न्याय प्रणाली को भी प्रभावित करेगा।
पूर्व न्यायाधीश परमानंद झा नेपाल में राजशाही की समाप्ति के बाद जुलाई 2008 में देश के पहले उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। उन्होंने उस समय हिंदी में शपथ लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। झा ने शपथ ग्रहण के समय धोती और कुर्ता पहन रखा था, जो कि भारतीय पहनावे के रूप में जाना जाता है। इस घटना के बाद नेपाल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। माओवादी पार्टी ने झा से इस्तीफे की मांग की थी।